बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 10
कार्यक्रम योजना, अनुवीक्षण एवं मूल्यांकन
प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन की प्रक्रिया का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
अथवा
कार्यक्रम नियोजन के विभिन्न चरणों का विवेचन कीजिए।
उत्तर -
कार्यक्रम नियोजन प्रक्रिया
कार्यक्रम नियोजन प्रक्रिया में शामिल तीन चरण निम्नलिखित हैं-
(i) कार्यक्रम निर्माण (Programme Formulation)
(ii) कार्यक्रम निष्पादन (Programme Execution)
(iii) कार्यक्रम मूल्यांकन (Programme Evaluation)
इन तीन चरणों की आठ उप- प्रक्रियाएँ हैं-
(1) तथ्यों का संग्रह और विश्लेषण
शहरी विकास कार्यकर्त्ताओं को लोगो, आर्थिक, सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक प्रास्थिति (status) और उन्हें विकास की प्रक्रिया में शामिल होने के बारे में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। सामान्यतया, निम्नलिखित मदों पर जानकारी संग्रह की जानी चाहिए-
(क) लाभार्थियों की संख्या
(ख) लाभार्थियों का शैक्षिक स्तर
(ग) संचार सुविधाएँ
(घ) सामाजिक-आर्थिक स्तर
(ङ) सामुदायिक सुविधाओं की उपलब्धता
(च) समुदाय का सामान्य स्वास्थ्य
(छ) क्षेत्र के रीति-रिवाज, परंपराएँ, संस्थाएँ, और क्षेत्र में कार्य कर रहे संगठन आदि।
आँकड़ा संग्रह के लिए साधन (उपकरण) और विधियों में व्यवस्थित प्रेक्षण (observation) लोगों से साक्षात्कार करना और सर्वेक्षण, मौजूद सरकारी अभिलेख (records), जनगणना रिपोर्टें और शहरी विकास कार्यकर्ताओं के पिछले अनुभव शामिल हैं। तथ्यों का संग्रह करने के बाद, लोगों की समस्याओं और आवश्यकताओं का पता लगाने के लिए उनका विश्लेषण और उनकी व्याख्या की जाती है।
(2) समस्याओं की पहचान
तथ्य विश्लेषण के परिणामस्वरूप 'क्या है' (what is) और 'क्या होना चाहिए' (what should be) के बीच महत्वपूर्ण अंतरालों तथा ऐसी स्थिति को उत्पन्न करने वाली समस्याओं का पता लगाया जाना चाहिए। ये अंतराल लोगों की आवश्यकताओं को निरूपित करते हैं। आपकी जानकारी के लिए शहरी परिवहन प्रणाली (urban transport system) की समस्या है।
प्रभाव -
(i) यातायात की भीड़
(ii) पर्यावरणीय प्रदूषण
(iii) कम सुरक्षा और दुर्घटनाएँ
समस्या - शहरी परिवहन प्रणाली
कारण-
(i) अत्यधिक जनसंख्या
(ii) परिवहन की मांग से आपूर्ति में वृद्धि
(iii) सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में कम निवेश।
हम शहरी परिवहन समस्या के लिए विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कारणों की पहचान कर सकते हैं। कुछ अंत: संबंधित कारण हैं- अत्यधिक जनसंख्या से आपूर्ति की तुलना में मांग की अधिकता बढ़ रही है और इसलिए लोगों को निजी वाहनों का प्रयोग करना पड़ता है इससे यातायात की भीड़-भाड़, सफर में अधिक समय, पर्यावरण प्रदूषण, कम सुरक्षा और दुर्घटनाओं की अधिक संभावना बढ़ती जा रही है।
(3) उद्देश्यों का निर्धारण
लोगों की आवश्यकताओं और समस्याओं का पता चलने के बाद, उनका उद्देश्यों और लक्ष्यों के संबंध में उल्लेख किया जाना चाहिए। उद्देश्य, स्थिति में परिवर्तनों अथवा लोगों के व्यवहार में उस परिवर्तन के पूर्वानुमान को प्रदर्शित करते हैं जिसे लाए जाने की जरूरत है। उद्देश्य दीर्घकालिक और अल्पकालिक हो सकते हैं और उनका स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए।
उदाहरण -- ऊपर पहचानी गई शहरी परिवहन प्रणाली की समस्या का समाधान करने के लिए एकवर्षीय शहरी परिवहन समस्या को कम करने के संबंधी परियोजना के लिए निम्नलिखित उद्देश्य हो सकते हैं-
(क) सार्वजनिक व्यापक परिवहन प्रणाली का प्रयोग करने के लाभों के संबंध में यात्रियों को शिक्षित करना।
(ख) यात्रियों की पूलिंग (pooling) को प्रोत्साहित करते हुए सड़कों पर वाहनों की संख्या को कम-से-कम 20% तक कम करना।
(4) गतिविधियों की योजना को विकसित करना
निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, प्रत्येक को प्राप्त करने के साधन और विधियों का चयन किया जाता है और कार्य योजना (action plan) अर्थात् गतिविधियों की सूची विकसित की जाती है। इसमें तकनीकी विषयवस्तु, किसे क्या कार्य करना चाहिए और कार्य को पूरा करने की समय-सीमा होती है। कार्य की योजना (plan of work) मौसमी (seasonal), अल्पकालिक, वार्षिक अथवा दीर्घकालिक हो सकता है।
उदाहरण – गतिविधियों की निम्नलिखित अनुसूची तैयार कीजिए और उसे छपवाकर सभी संबंधितों को वितरित कीजिए।
(i) सार्वजनिक व्यापक परिवहन प्रणाली जैसे मेट्रो के लाभों के संबंध में शहरी परिवहन विस्तार साहित्य को विकसित करना, अर्थात् यात्रियों के लिए समय बचाना विश्वसनीय और सुरक्षित यात्रा।
(a) वायुमंडलीय प्रदूषण में कमी
(b) दुर्घटनाओं में कमी
(c) ईंधन की कम खपत
(d) वाहन संचालन में कम लागत
(e) सड़क वाहनों की औसत गति में वृद्धि आदि।
(ii) उपर्युक्त साहित्य का प्रयोग करते हुए सार्वजनिक व्यापक परिवहन प्रणाली के लाभों पर कार्यालयों (पहला सोमवार) विद्यालयों (दूसरा सोमवार) और सार्वजनिक स्थलों (सभी रविवार) को ध्यान में रखकर जागरूकता अभियान (महीने में 6-7 दिन) आयोजित कीजिए।
(iii) व्यक्तिगत और सामूहिक संपर्क विधियों के माध्यम से कम-से-कम 20% निजी वाहन चालकों को व्यक्तिगत प्रयोग न करके पूलित वाहनों (prooled vehicles) का प्रयोग करने के लिए कहिए।
(5) गतिविधियाँ निष्पादित करना
कार्य योजना विकसित होने के बाद, आवश्यक आदानों (imputes), शिक्षण साधनों (teaching aids), शहरी परिवहन प्रणाली साहित्य आदि तैयार किया जाना चाहिए तथा विशेष कार्यवाही की जानी चाहिए। गतिविधियों की योजना का निष्पादन प्रभावी ढंग से सोचने, कार्य करने और भाग लेने के लिए व्यक्तियों तथा समूहों को प्रेरित करने के लिए विस्तार पद्धतियों (extention methods) के माध्यम से किया जाना चाहिए। कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए हर कदम पर लोगों को सम्मिलित किया जाना चाहिए।
(6) सतत् जाँच
नियमित अंतरालों पर की गई गतिविधियों का अनुसरण कीजिए, परिणामों के मूल्यांकन के लिए एक आधार के रूप में प्रत्येक गतिविधि का पर्याप्त अभिलेख (records) रखिए।
(7) परिणामों का मूल्यांकन
यह निर्धारित उद्देश्यों के संबंध में कार्यक्रम की सफलता की मात्रा का मापन करने के लिए किया जाता है। इसे मूल रूप से कार्यक्रम के फलस्वरूप स्थिति अथवा लोगों के व्यवहार में परिवर्तनों को निर्धारित करने के लिए किया जाता है। मूल्यांकन को न केवल भौतिक उपलब्धियों के लिए किया जाता है बल्कि प्रयोग की गई विधियों और कार्यक्रम नियोजन प्रक्रिया में अन्य सोपानों के लिए भी किया जाता है ताकि मजबूत और कमजोर बिन्दुओं की पहचान की जा सके और आगामी कार्यक्रमों में आवश्यक परिवर्तन किए जा सकें।
(8) पुनर्विचार
कार्यक्रम के व्यवस्थित और आवधिक मूल्यांकन से कार्यक्रम के मजबूत और कमजोर बिन्दुओं का पता चलेगा। इन बिन्दुओं के आधार पर कार्यक्रम पर विचार किया जाता है और आवश्यक समायोजन तथा परिवर्तन किए जाने चाहिए ताकि इसे अत्यधिक ठोस और आर्थिक बनाया जा सके। स्मरण रखिए कि कार्यक्रम नियोजन शहरी विकास गतिविधियों का अंतिम प्रतिफल नहीं है परंतु यह लोगों की सहायता करने के लिए उनकी सहायता करने और समय पर तथा बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय लेने में सहायता करने का एक शैक्षिक उपकरण है। उपर्युक्त सोपानों में, यह स्पष्ट है कि शहरी परिवहन समस्या को कम करने की योजना में सतत् सोपानों की तर्क संगत श्रृंखला शामिल है। इसी प्रकार, विकास कार्यक्रम शहरी विकास के किसी अन्य उपक्षेत्रों में बनाए जा सकते हैं। कार्यक्रम नियोजन चरण के चार सोपान हैं। कार्यवाही चरण के 5-6 सोपान हैं तथा सीपान 7-8 एक साथ दोनों चरणों को मिलाते हैं जहाँ तथ्य संग्रह सोपान की ओर बढ़ा जा सकता है। इस प्रकार, एक बार आरंभ होने पर फिर शहरी विकास कार्यक्रम के नियोजन की कभी समाप्त न होने वाली सतत् प्रक्रिया समाप्त नहीं होती।
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- प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक संगठन को परिभाषित करते हुए इसकी विभिन्न परिभाषाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन की विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर तत्त्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की सैद्धान्तिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के दर्शन पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास प्रक्रिया के अन्तर्गत सामुदायिक विकास संगठन कितनी अवस्थाओं से गुजरता है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन और सामुदायिक विकास में अंतर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन और सामुदायिक क्रिया में अंतर बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के प्रशासनिक ढांचे का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास में सामुदायिक विकास संगठन की सार्थकता एवं भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइयें।
- प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के क्षेत्र, आवश्यकता एवं परिकल्पना के विषय में विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना के बारे में बताइए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) पर एक टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सेवा योजना (N.S.S.) पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र संगठन का परिचय देते हुए इसके विभिन्न कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- कपार्ट एवं गैर-सरकारी संगठन की विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण घटक की भूमिका निभाते हैं? विस्तृत टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाल कल्याण से सम्बन्ध रखने वाली प्रमुख संस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेल्प एज इण्डिया के विषय में आप क्या जानते हैं? यह बुजुर्गों के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों व महत्व पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- बाल विकास एवं आप (CRY) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों एवं मूल सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- CRY को मिली मान्यता एवं पुरस्कारों के विषय में बताइए।
- प्रश्न- बाल अधिकार का अर्थ क्या है?
- प्रश्न- बच्चों के लिए सबसे अच्छा एनजीओ कौन-सा है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस कब मनाया जाता है?
- प्रश्न- नेतृत्व से आप क्या समझते है? नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं का विश्लेषण कीजिये।
- प्रश्न- नेतृत्व के विभिन्न प्रारूपों (प्रकारों) की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण की प्रमुख प्रविधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कार्यस्थल पर नेताओं की पहचान करने की विधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ग्रामीण क्षेत्रों में कितने प्रकार के नेतृत्व पाए जाते हैं?
- प्रश्न- परम्परागत ग्रामीण नेतृत्व की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण को किन बाधाओं का सामना करना पड़ता है?
- प्रश्न- नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं को बताइए।
- प्रश्न- नेतृत्व का क्या महत्व है? साथ ही नेतृत्व के स्तर को बताइए।
- प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षक से आप क्या समझते हैं? एक नेतृत्व प्रशिक्षक में कौन-से गुण होने चाहिए? संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
- प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
- प्रश्न- विकास कार्यक्रम का अर्थ स्पष्ट करते हुए विकास कार्यक्रम के मूल्यांकन में विभिन्न भागीदारों के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विकास कार्यक्रम चक्र को विस्तृत रूप से समझाइये | इसके मूल्यांकन पर भी प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास कार्यक्रम तथा उसके मूल्यांकन के महत्व का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के प्रमुख घटक क्या हैं?
- प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन की प्रक्रिया का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुवीक्षण / निगरानी की विकास कार्यक्रमों में क्या भूमिका है? टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- निगरानी में बुनियादी अवधारणाएँ और तत्वों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- निगरानी के साधन और तकनीकों का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- मूल्यांकन डिजाइन (मूल्यांकन कैसे करें) को समझाइये |
- प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- मूल्यांकन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निगरानी का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निगरानी के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निगरानी में कितने प्रकार के सूचकों का प्रयोग किया जाता है?
- प्रश्न- मूल्यांकन का अर्थ और विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- निगरानी और मूल्यांकन के बीच अंतर लिखिए।
- प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न प्रकारों को समझाइये।